क्या स्वर्गदूत नपुंसक हैं?

                                

               स्वर्गदूत नपुंसक होते है क्या ?

उत्पत्ति की और हनोक द्वारा लिखे गये विवरण पर कुछ विद्वान यह कहकर सवाल उठते है कि स्वर्गदूत तो नपुंसक होते है तो वह कैसे संतान उत्पन्न कर सकते है? अपने तर्क के समर्थन में ये विद्वान प्रभू येशू द्वारा कह गये वचन का हवाला देते है कि, " क्योंकी जी उठने पर ब्याह शादी न होगी; परंतु वे स्वर्ग में परमेश्वर के दूतों की नाई होंगे"
(मत्ती 22:30) परंतु यह तर्क मूर्खता पूर्ण  है।

                                                                                                                                                                             ध्यान देनेवाली बात यह है कि संपूर्ण बाइबल में कही पर भी स्वर्गदूत के लिये नपुंसक क्रिया का उपयोग नही किया गया है।  साथ हि मत्ती 22:30 में प्रभू येशू द्वारा यह कहा ही नही गया था कि स्वर्गदूत नपुंसक होते है।  परंतु
 यीशु ने इस तथ्य को प्रगट किया था कि पुनरुत्थान के बाद मनुष्य भी स्वर्गदूत के समान अमर हो जायेंगे।  यह भी एक उल्लेखनीय तथ्य है कि विवाह कि स्थापना परमेश्वर द्वारा केवल मानव जाति के प्रजनन और विकास के लिये कि गई थी।  हनोक कि पुस्तक में हम पढ़ते है कि परमेश्वर इन 200 स्वर्गदूतों को इनके द्वारा किये गये कृत्य के लिये फटकार लगाते हुये कहता है कि, "तुम आत्मिक थे, अनंत जीवन जीते थे, और जगत कि सारी पिढ़ियों के लिये अमर थे . इसीलिये मैने तुम्हारे लिये पत्निया नही बनाई "  (हनोक [ खण्ड 1 ]15:7)    स्पष्ट रूप से यहा परमेश्वर ने इस बात को बताया था कि स्वर्गदूत अमर होते है इस कारण उनको अपनी जाति बढ़ाने कि आवश्यकता नही पडती है, इसी कारण परमेश्वर ने उनके लिये मादा स्वर्गदूत नही बनाई थी।

                             परंतु मनुष्य नश्वर होता है और उसे अपनी प्रजाति बढ़ाने कि आवश्यकता होती है, इसीलिये परमेश्वर द्वारा पुरुष और स्री बनाये गये थे। परंतु पुनरुत्थान के बाद परमेश्वर के राज्य में मनुष्य भी स्वर्गदूतों  कि तरह हि अमरता को प्राप्त कर लेगा और मरेगा नही इसीलिये उसे अपनी जाति बढ़ाने कि भी आवश्यकता नही पडेगी और इसी कारण स्वर्ग में कोई ब्याह शादी नही होने पायेगी। और यही तथ्य यीशु ने मत्ती 22:30 में प्रगट किया था। अत: यीशु के वचन कहीं से भी स्वर्गदूतों को नपुंसक घोषित नही करते है।

                             दूसरी ओर, कुछ विद्वान यह तर्क भी देते है कि इब्रानियों  कि पत्री में स्वर्गदूतों के लिये कहा गया है कि, " क्या वे सब सेवा टहल करने वाली आत्माएं  नही; जो उद्धार पाने वालों के लिये सेवा करने को भेजी जाती है" (इब्रा.1:14)   ये विद्वान इस संदर्भ का हवाला देकर कहते है कि बाइबल में स्वर्गदूतों को "आत्मा " कहा गया है, अत: आत्मा कैसे संतान उत्पन्न कर सकती है?  ये विद्वान   इस वचन के आधार पर स्वर्गदूतों को नपुंसक घोषित करते है। 




Are angels impotent?


क्या स्वर्गदूत नपुंसक हैं?






                            यह सत्य है कि इब्रानियों कि पत्री में स्वर्गदूतों को "आत्मा" कहकर संबोधित किया गया है। "आत्मा" एक नपुंसक क्रिया है परंतु संपूर्ण बाइबल में स्वर्गदूतों के लिये कहीं  भी नपुंसक क्रिया का उपयोग नही किया गया है।  स्मिथ बाइबल डिक्शनरी का कहना है कि, इब्रानियों 1:14 में स्वर्गदूतों  को  "आत्माए " कहा गया है; यह जरुरी नही है कि स्वर्गदूत निराकार हों" इसी विषय पर  New Illustrated Bible Dictionary  का कहना है, इब्रानियों 1:14 स्वर्गदूतों कि सेवा करने कि प्रवृती को दर्शाता है, न कि उनके शरीर रहित होने  को (Emphasis Added)  ध्यान देनेवाली बात यह है कि बाइबल में कई ऐसे संदर्भ है जिनके हमें स्पष्ट पता चलता है कि स्वर्गदूतों  के पास वास्तविक शरीर होता है। 
 उदाहरणार्थ = स्वर्गदूत जब इब्राहीम से मिलने आए तो उन्होंनें इब्राहीम के तम्बू में मानवीय भोजन किया था  (उत्पत्ति.18:8) इसी बात का दूसरा उदाहरण हमें लूत के घर में भी देखने को मिलता है। उत्पत्ति कि पुस्तक बताती है कि स्वर्गदूत सदोम में लूत के घर ठहरते है और लूत द्वारा परोसा गया स्वादिष्ट भोजन खाते है। यदि स्वर्गदूतों के पास शरीर नही है  तथा वे मात्र आत्मा है तो फिर वे भोजन कैसे खा सके?
    
                         दूसरी ओर, जब स्वर्गदूत सदोम और अमोरा को नष्ट करने जा रहे होते है और लूत और उसका परिवार सदोम से निकलने में विलम्ब कर रहा होते है तो स्वर्गदूत लूत, उसकी पत्नी और दोनों बेटीयों का "हाथ पकड़कर " उन्हें सदोम से बाहर ले जाते है। 


(उत्पत्ति.19:16 प्रश्न यह उठता है कि यदि स्वर्गदूतों के पास शरीर नही है तथा वे सिर्फ आत्मा है तो फिर वे लूत व उसके परिवार का हाथ पकड़कर  बाहर कैसे ले गये? 
 यह पूर्णतः स्पष्ट है कि बिना शरीर स्वर्गदूत न तो भोजन कर सकते थे और न हि लूत और उसके परिवार का हाथ पकड़कर उन्हें ले जा सकते थे,

                                    ऐसेही, नया नियम में बताया गया है कि जब पतरस को राजा हेरोदेस बंदीगृह में डलवा देता है और पतरस जेल में बन्द होता है। रात को जब पतरस  सो रहा होता है तो एक स्वर्गदूत आकर उसकी पसली पर हाथ मार कर उसे जगाता है और बंदीगृह  से छुडाकर ले जाता है। ( प्रेरित 12:3-7 )। स्पष्ट है कि यदि स्वर्गदूत सिर्फ आत्मा हि होता है तो वह पतरस को स्पर्श करके नही उठा सकता था।


         ध्यान देनेवाली बात यह है कि बाइबल में अनेकों ऐसे विवरण दिये गये है जो इस तथ्य को प्रकट करते है कि स्वर्गदूत मात्र आत्मा नही है, बल्की शारीरिक प्राणी है।
उदाहरणार्थ = बाइबल में बताया गया है कि मनुष्यों कि तरह हि स्वर्गदूतों  को भी विश्राम करने कि आवश्यकता पडती है।  जब स्वर्गदूत इब्राहीम से मिलने आते है तो इब्राहीम इस बात को जानता है कि लम्बी यात्रा के कारण  स्वर्गदूत थक गये होंगे।  इसी कारण वह उन्हें तम्बू में विश्राम करने का न्यौता देता है  (उत्पत्ति. 18:4 ) साथ हि इब्राहीम इस बात को भी प्रगट करता है कि स्वर्गदूत विश्राम करने के लिये हि उसके पास पधारे है, "क्योंकी आप अपने दास के पास इसीलिये पधारें है " (उत्पत्ति. 18:5 ) और स्वर्गदूत निर्विरोध विश्राम करने के लिये तैयार हो जाते है।

   इसी प्रकार बाइबल गिदोन के वृत्तांत में बताती है कि,  "फिर यहोवा का दूत आकर उस बांजवृक्ष के तले बैठ गया। (न्याय. 6:11)  बांजवृक्ष  के तले बैठ जाने " से "थकान" और "विश्राम" का बोध होता है।  यदि स्वर्गदूत आत्मा हि है तो उन्हें थकान का अनुभव कैसे हो सकता है?

                                बाइबल में बताया गया है कि मनुष्यों के समान हि स्वर्गदूतों को कपडे़ पहनने कि आवश्यकता पड़ती है। (यहे.10:2,6; दानि.10:5; मत्ती.28:3; मर.16:5; लुका.24:4; प्रेरित.1:10) 

यदि स्वर्गदूत आत्मा है तो उन्हें कपड़ो कि क्या आवश्यकता है? उत्पत्ती कि पुस्तक बताती है कि याकूब से रातभर एक स्वर्गदूत  आकर मल्लयुध्द करता रहा था और इस मल्लयुध्द में स्वर्गदूत  को हार का सामना करना पडा था  (उत्प. 32:24-25 ) यदि स्वर्गदूत   सिर्फ आत्मा होते हैं तो वह याकूब से मल्लयुध्द कैसे कर सका तथा  हार का सामना कैसे किया?

अत: यह तर्क कि स्वर्गदूतों  को  इब्रानियो कि पत्री में  "आत्मा" कहकर सम्बोधीत किया गया है इसीलिये उनके पास शरीर नहीं होता पूर्णत: गलत है।  इब्रानियो कि पत्री में स्वर्गदूतों  को आत्मा कहकर केवल उनकी स्वर्गीय प्रकृती दर्शायी गई है क्योंकी वे स्वर्ग के आत्मिक प्राणी है। संपूर्ण बाइबल में सिर्फ एक हि स्थल पर (इब्रानियो 1:14) स्वर्गदूतों  को आत्मा बोला गया है। यदि वास्तव में वे सिर्फ आत्मा होते तो यह बात  बाइबल में स्पष्ट रूप से बताई जाती। अत: इब्रानियो 1:14 किसी भी रीति से स्वर्गदूतों  को नपुंसक घोषित नही करता है।






                                                            God Bless You



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